लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 से पूरी दुनिया त्रस्त है। कोविड-19 की अभी तक कोई भी वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। ऐसे में हमारे पास सबसे कारगर उपाय ज्यादा से ज्यादा लोगों की टेस्टिंग करना है। हम अधिक से अधिक टेस्टिंग कर इस पर अंकुश लगा सकते हैं। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों, पहले से कई तरह की बीमारियों से ग्रसित लोगों, गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों व कमजोर लोगों को समय पर चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध करवाकर व्यापक पैमाने पर जनहानि को रोका जा सकता है।
मुख्यमंत्री योगी सोमवार को यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दस राजकीय मेडिकल कॉलेज तथा तीन मेडिकल कॉलेज को बायो सेफ्टी लैब्स (बीएसएल)-2 का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दौरान सभी लाभांवित मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य तथा अन्य जिम्मेदार अधिकारियों से वार्ता भी की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि प्रदेश में 23 मार्च को हमने किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में पहली लैब खोली थी। इस दौरान हमारे पास तो इलाज की व्यवस्था भी नहीं थी। हमारे प्रदेश से संक्रमित दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल इलाज के लिए भेजे गए। इसके बाद हमारी सरकार के मंत्रियों तथा अफसरों ने कड़ी मेहनत की। आज हम एक दिन में डेढ़ लाख टेस्ट कर रहे हैं। इसके साथ ही हर जिले में 300 कोविड बेड का इंतजाम शीघ्र ही होगा। उन्होंने कहा कि अब हमारी तैयारी सिर्फ कोरोना वायरस से लडने की नहीं है, हम लोग अब फैक्टर बांड बीमारी से लडने की भी बेहतर तैयारी कर लेंगे।
इस दौरान राजकीय मेडिकल कालेज जालौन, आजमगढ़, अम्बेडकरनगर, सहारनपुर, बांदा, बंदायू,बस्ती और स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय बहराइज, फिरोजाबाद और अयोध्या में बी.एस.एल-2 लैब का लोकार्पण हुआ। जबकि हापुड़ के जीएस मेडिकल कॉलेज, बाराबंकी के मायो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज और मुरादाबाद के तीर्थांकर चिकित्सा विश्वविद्यालय में लैब का शुभारंभ किया गया।